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लेखनी प्रतियोगिता -16-Dec-2023

भक्ति

तेरा मेरा मिलन अधूरा है
आंखों में मिलन हमेशा है

जख्म कि बात ना करना सपने में
मोहब्बत को महसूस करना सपने में

दिल देकर दिल ले लिया है
हिफाजत कि मर्जी तुम्हारी है

मोहब्बत अक्सर अधूरी रहती है
जो मज़ा इंतज़ार में है इकरार में नहीं है

मोहब्बत का मज़ा दो टिमटिमाते तारे देखने में है
जिनमें एक तू  एक मैं का प्रतिरूप दिखाता है

दरिया कि गहराई अपनेपन कि गहराई से कम है
आंखें बंद कर गहराई में झांकने कि जरूरत है

लगता है मोहब्बत–ए–दिल  रुसवा हो गए
शिकायत सुनते हम भी यस से अपयस हो गए 


सच्चे मन कि अभिलाषा पूर्ण होती है 
जैसे ऋतु आने पर ही फल लगते है

सच्चे मन से भक्ति में हम लीन हो जाए
फल देने का जिम्मा ऊपर वाले पर छोड़ जाए।।
ll

✍️ विजय पोखरणा ”अपयस"

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23 Comments

खूबसूरत प्रेममय अभिव्यक्ति

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VIJAY POKHARNA "यस"

06-Feb-2024 11:53 AM

Thanks 🙏

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Rupesh Kumar

18-Dec-2023 06:57 PM

Nice

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VIJAY POKHARNA "यस"

06-Feb-2024 11:53 AM

Thanks 🙏

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Gunjan Kamal

18-Dec-2023 06:35 PM

👌👏

Reply

VIJAY POKHARNA "यस"

06-Feb-2024 11:53 AM

Thanks 🙏

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